जानिए इस्लाम के बारे में वह छह झूठ बातें, जिसे दुनिया मानती है सच
February 15, 20170218
बीते कुछ सालों में कट्टरपंथी ताकतों और आतंकी संगठनों ने इस्लाम को काफी गलत तरीके से प्रचारित किया है। इन्होंने हिंसा और नफरत फैलाने के लिए भी इसका काफी गलत इस्तेमाल किया। आईएसआईएस इसका सबसे ताजा उदाहरण है। इसने इराक और सीरिया में छिड़े युद्ध को रिलीजियस वॉर में बदल दिया। ये साफ है कि कोई भी धर्म हिंसा का समर्थन नहीं करता। हम इस्लाम को लेकर कुछ ऐसी बातें बता रहे हैं, जिनका इस धर्म से कोई ताल्लुक नहीं है।
वेस्ट से नफरत करते हैं मुस्लिम
– 2001 से 2007 तक गैलप पोलिंग ऑर्गेनाइजेशन ने वर्ल्डवाइड सर्वे किया था।
– इसमें 35 देशों के 50 हजार मुस्लिमों से वेस्टर्न कंट्रीज को लेकर सवाल किए गए।
– सिर्फ 2% ईरान, 6% सऊदी अरब के लोगों ने वेस्ट से नफरत होने की बात कही।
– वहीं, बाकी ने वेस्टर्न कंट्रीज की टेक्नोलॉजी और डेमोक्रेसी की तारीफ की।
– बहुत कम लोगों ने टेररिज्म एक्टिविटीज को नजरअंदाज करने को कहा था।
इस्लाम में महिलाओं को अधिकार नहीं
– अक्सर ऐसा बताया जाता है कि इस्लाम में महिलाओं पर काफी पाबंदियां रहती हैं।
– लेकिन इसकी वजह सिर्फ अलग-अलग देशों में उनके लोकल कल्चर और ट्रेडिशन हैं। इस्लाम से इसका कोई संबंध नहीं है।
– वहीं, इस्लाम में सभ्य कपड़े पहनने को कहा जाता है। ये महिला की सोच है कि वह सिर ढंकना चाहती है या फिर पूरी बॉडी।
– हालांकि सभी धर्मों में सभ्य कपड़े पहनने की हिदायत दी जाती है। लेकिन दुर्भाग्य से इसे इस्लाम के साथ ज्यादा जोड़ा जाता है।
दूसरे धर्मों और भगवान को नहीं मानता इस्लाम
– कुरान में दूसरे धर्मों का सम्मान करने की शिक्षा दी जाती है।
– ह्यूमन लाइफ की वैल्यू पर जोर दिया जाता है। मासूमों को मारने की पाबंदी है।
– कुरान में मस्जिद के अलावा मठों, चर्च और मंदिरों को नुकसान न पहुंचाने की हिदायत दी गई है।
धर्म परिवर्तन की वकालत करता है इस्लाम
– मिडल ईस्ट, अफ्रीका और साउथ-ईस्ट एशिया के कई देशों में इस्लामिक लॉ लागू हैं।
– इसमें कड़े रूप में धर्म परिवर्तन करवाने की बात कही गई है।
– हालांकि, इस्लाम की गलत इंटरप्रिटेशन से ये नियम आम लोगों द्वारा बनाए गए हैं।
– कुरान और हदीस में धर्म परिवर्तन की सीधी बात नहीं कही गई है।
सभी मुस्लिम अरब होते हैं
– इस्लाम को हमेशा से अरब के साथ जोड़ा जाता है। जबकि दुनिया में सिर्फ 15% अरब मुस्लिम हैं।
– सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी इंडोनेशिया में रहती है। सबसे ज्यादा मुस्लिम एशिया (69%), अफ्रीका (27%) और यूरोप (3%) में रहते हैं।
– पूरी दुनिया में 1.6 अरब मुस्लिम रहते हैं। इसका 60% हिस्सा साउथ और साउथ ईस्ट एशिया में रहता है।
– वहीं, सारे अरब मुस्लिम भी नहीं होते। कई अरब देशों में ईसाई और यहूदियों की बड़ी संख्या रहती है।
जिहाद का मतलब टेररिज्म
– दुनियाभर में जिहाद को टेररिज्म और खून-खराबे के तौर पर जाना जाने लगा है।
– इस्लाम में जिहाद को ज्यादातर लोग होली वॉर के तौर पर जानते हैं। जिसके टारगेट पर सिर्फ गैर-मुस्लिम और वेस्टर्न कंट्री रहती हैं।
– जबकि इस्लाम में जिहाद को ईश्वर के करीब पहुंचने का रास्ता बताया गया है।
– पहला- खुद को स्वार्थी मानसिकता से हटाना और धर्म के करीब जाना। दूसरा- सोशल जस्टिस और ह्यूमन राइट्स के लिए लड़ना।
– तीसरा- धर्म की रक्षा के लिए हथियार उठाना। ये सेल्फ डिफेंस के लिए या हमलावर को रोकने के लिए किया जा सकता है।
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