Kiya ye Ghundagardi Hai
मैं एयरपोर्ट के पास रहता हूं
ऐरोप्लेन की आवाज से मेरी नींद खुल जाती है।
*#ये_क्या_गुंडागर्दी_है?*
मैं रेलवे स्टेशन के पास रहता हूं
ट्रेन के भोपू से मेरी नींद खुल जाती है।
*#ये_क्या_गुंडागर्दी_है?*
मैं राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे रहता हूं
वाहनों की आवाजों से मेरी नींद खुल जाती है।
*#ये_क्या_गुंडागर्दी_है?*
मैं हॉस्पिटल के पास रहता हूं
एम्बुलेंस की आवाज से मेरी नींद खुल जाती है
*#ये_क्या_गुंडागर्दी_है?*
हकीकत ये है कि हमारी नींद नहीं ख़राब हो रही है बल्कि हम असहिष्णु होते जा रहे हैं!
Comments
Post a Comment