नमाज़ से होने वाले जिस्मानी फायदे
1.साइनस की प्रॉब्लम नही होगी चूँकि सजदे की हालत में ब्लड सर्कुलेशन साइनस की तरफ हो जाता हे तो साइनोसाइटिस होने की समस्या से काफी निजात मिलती हे !!
2.फेंफड़ो में सांस लेने के दोरान जब सांस बाहर निकलती हे तो 2/3 हवा ही बाहर आ पाती हे शेष 1/3 हवा जो अन्दर ही रह जाती हे वो रेसिडुअल वॉल्यूम कहलाता हे . ये बची हुवी हवा सजदे के दौरान सांस लेने से बहार आ जाती हे क्यों की उस दौरान फेंफड़ो पर अंदरूनी अंगो का दबाव पड़ता हे । और इंसान सांस की होने वाली बेशुमार बीमारियों से बच जाता हे । जैसे ब्रोंकाइटिस .अस्थमा e.t.c. !!
1.साइनस की प्रॉब्लम नही होगी चूँकि सजदे की हालत में ब्लड सर्कुलेशन साइनस की तरफ हो जाता हे तो साइनोसाइटिस होने की समस्या से काफी निजात मिलती हे !!
2.फेंफड़ो में सांस लेने के दोरान जब सांस बाहर निकलती हे तो 2/3 हवा ही बाहर आ पाती हे शेष 1/3 हवा जो अन्दर ही रह जाती हे वो रेसिडुअल वॉल्यूम कहलाता हे . ये बची हुवी हवा सजदे के दौरान सांस लेने से बहार आ जाती हे क्यों की उस दौरान फेंफड़ो पर अंदरूनी अंगो का दबाव पड़ता हे । और इंसान सांस की होने वाली बेशुमार बीमारियों से बच जाता हे । जैसे ब्रोंकाइटिस .अस्थमा e.t.c. !!
3 .पाँव की वेंस कई बार फूल जाती हे उस कंडीशन को वेरीकोस वेन कहते हे और
वेन से जुडी एक और बीमारी हे पाइल्स । नमाज़ के दौरान जब व्यक्ति सजदे से
उठ कर खड़ा होता हे तो खून का दौरा पाँव से ऊपर की तरफ हो जाता हे यानि
venous return इम्प्रूव हो जाता हे तो ऊपर बताई दोनों बिमारी से नमाज़ी
व्यक्ति महफूज़ रहता हे !!
4. सजदे की हालत में चूँकि खून का दौरा सर की तरफ रहता हे तो age related changes जो होते हे neurons में वो भी delay हो जाते हे तो अल्ज़िमर और पार्किन्सन जैसी बीमारियों से इंसान दूर रहता हे । और भी बहुत कुछ है.
इसलिए दोस्तों #नमाज़_कायम_करो.
4. सजदे की हालत में चूँकि खून का दौरा सर की तरफ रहता हे तो age related changes जो होते हे neurons में वो भी delay हो जाते हे तो अल्ज़िमर और पार्किन्सन जैसी बीमारियों से इंसान दूर रहता हे । और भी बहुत कुछ है.
इसलिए दोस्तों #नमाज़_कायम_करो.
Comments
Post a Comment