एक हिन्दू भाई अजय तिवारी की बिहार के किशनगंज रैली में अस्सद्दुदीन
ओवैसी से मुलाकात का अनुभव उन्होंने कुछ इस तरह शेयर किया........
ओवैसि के किशनगंज की जनसभा में VIP गेट से प्रवेश करते समय एक सुरक्षा अधिकारी ने भगवा गमछे के कारण मुझे रोक लिया।
उसके अनुसार मेरा गमछा ओवैसि के लिए और कई हज़ार मुसलमानों के बीच में मेर लिए भी असुरक्षा का कारण बन सकता था।
ओवैसि के किशनगंज की जनसभा में VIP गेट से प्रवेश करते समय एक सुरक्षा अधिकारी ने भगवा गमछे के कारण मुझे रोक लिया।
उसके अनुसार मेरा गमछा ओवैसि के लिए और कई हज़ार मुसलमानों के बीच में मेर लिए भी असुरक्षा का कारण बन सकता था।
हालांकि मैं गमछा उतारने से मना करते हुए अंदर चला गया, तकरीर खत्म होने
के बाद बातों-बातों में मैं औवैसि से पुछ बैठा- आपको भगवा से परहेज है
क्या?
इसपर उन्होने कुर्सी से खड़े होकर मेरा गमछा अपने कंधे पर खिंचते हुए कहा- भगवा तो पवित्रता, ज्ञान और शांति का प्रतीक है, इससे कौन परहेज करेगा?
असल में वो अधिकारी सही था। बीते दशकों में इस भगवा को कुछ लोगों ने स्वार्थ/राजनीति के लिए अपवित्र, मूढता और दंगे का प्रतीक बना कर रखा दिया है।
Ajay Tiwari.
इसपर उन्होने कुर्सी से खड़े होकर मेरा गमछा अपने कंधे पर खिंचते हुए कहा- भगवा तो पवित्रता, ज्ञान और शांति का प्रतीक है, इससे कौन परहेज करेगा?
असल में वो अधिकारी सही था। बीते दशकों में इस भगवा को कुछ लोगों ने स्वार्थ/राजनीति के लिए अपवित्र, मूढता और दंगे का प्रतीक बना कर रखा दिया है।
Ajay Tiwari.
Comments
Post a Comment