Aaj ki baat

हिंदुस्तान की धरती पर कई राजा-बादशाहों ने हुकूमत की है। इनमें से कई बहुत काबिल रहे हैं तो कुछ इस धरती के लिए अभिशाप सिद्ध हुए। मेरे नजरिए से हिंदुस्तान के सबसे काबिल और बेहतर शासक दो लोग हैं - महाराजा अशोक और बादशाह औरंगजेब। 

औरंगजेब की तारीफ शायद मेरे कुछ मित्रों को अच्छी न लगे लेकिन मेरा मानना है कि औरंगजेब वास्तव में बहुत अच्छा बादशाह था। उसके कुछ फैसले गलत थे। खासतौर से शिवाजी और गुरु गोबिंद सिंहजी महाराज से दुश्मनी। 

इसके अलावा अगर उसका योगदान देखा जाए तो वह इतिहास का सबसे र्इमानदार बादशाह था। औरंगजेब ने कभी शराब नहीं पी, कभी पराई औरत को नजर उठाकर नहीं देखा, कभी फिजूलखर्ची नहीं की, कभी रिश्वत नहीं ली, कभी मिठाई का स्वाद नहीं चखा, कभी काम से छुट्टी नहीं ली, यहां तक कि मरने से पहले भी हिदायत देकर गया कि मेरी कब्र को सजाने-संवारने में एक पैसा खर्च नहीं होना चाहिए, उस व्यक्ति का स्विस बैंक में कोई अकाउंट नहीं था, उसने सती प्रथा पर प्रतिबंध लगाया था।

औरंगजेब के राज में सरकारी दफ्तरों में काम तेजी से होता था। घूसखोर अफसर-कर्मचारी मृत्युदंड पाते थे, चाहे उसका धर्म हिंदू हो या इस्लाम। शराब पर पूरी तरह से प्रतिबंध था। कोई भी महिला भरे बाजार में सोने की गिन्नियां लेकर जा सकती थी। किसकी मजाल थी कि उसे हाथ भी लगा दे!

आज तो देश का हाल ये है कि जन्म प्रमाण पत्र से लेकर मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए घूस देनी पड़ती है, माता-बहनें कहीं भी महफूज नहीं।

सरकारी दफ्तरों में ऐसे-ऐसे लोग भर रखे हैं जिनकी दिलचस्पी सिर्फ और सिर्फ वेतन लेने और आराम करने में है। काम के नाम से उन्हें चक्कर आते हैं। हमारे अधिकांश राजनेताओं को मालूम ही नहीं कि देश की समस्याएं क्या हैं। 

उनके लिए तो असल समस्या सिर्फ चुनाव जीतना है ताकि अगले 5 साल फिर उसी जनता की छाती पर मूंग दल सकें। ऐसे में आज से तुलना करूं तो मैं औरंगजेब के राज को कहीं ज्यादा बेहतर मानता हूं।

- राजीव शर्मा, कोलसिया

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