Aaj Ki Baat !

खुद अपने आप से अपने जुल्म को स्वीकारते संघी, वीएचपी गुंडे और खामोश बैठी व्यवस्था को आप क्या नाम देना चाहेंगे ? अभी दो दिन पहले अशोक सिंघल ने अल्पसंख्यकों से बहुसंख्यकों का सम्मान न करने के एवज में उनके वजूद के खत्म होने की चेतावनी दी थी। और आज तोगड़िया ने कहा कि गुजरात भूल गये मगर मुजफ्फरनगर तो याद होगा। एक लोकतांत्रिक देश में जिसका मीडिया सशक्त हो, उसमें आये दिन तथाकथित हिंदुत्व का दंभ भरने वाले अपने अतीत में किये पापों को बखान करते रहते हैं मगर अफसोस कहीं किसी के माथे पर एक शिकन तक नहीं आती। तोगड़िया खुद बता रहे हैं कि किस तरह मुजफ्फरनगर में उनके लड़ाकों ने निहत्थे मासूमों को मारा था। लेकिन फिर भी वे शान से जी रहे हैं। क्या न्याय पालिका से लेकर कार्यापालिका तक में इतनी भी हिम्मत नहीं की वह तोगड़िया जैसे जुबानी आतंकवादी को उठाकर जेल में डाल सके।

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