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Showing posts from December, 2016

******* ******* दुनिया के इतिहास में किसने सबसे हत्या किए हैं? 1- ुट्टलर। आप जानते हैं वह कौन था? वह ईसाई था, लेकिन मीडिया नी कभी उसको ईसाई आतंकवादी नहीं कहा। 2. यूसुफ स्टालिन। उसने बीस लाख (एक लाख -दस लाख के बराबर) इंसानों को मौत के घाट उतारा, जिसमें से साढ़े चौदह लाख भूख से मरे। क्या वह मुस्लिम था? 3. मावज़े तंग। उसने चौदह से बीस लाख मनुष्य मारा। क्या वह मुस्लिम था? 4. मुसोलिनी। चार लाख मनुष्य हत्यारा है क्या वह मुस्लिम था? 5. अशोका। उसने हत्या की लड़ाई में एक लाख मनुष्य मारा।  क्या वह मुस्लिम था? 6-जॉर्ज बुश की वाणिज्यिक प्रतिबंध के परिणामस्वरूप केवल इराक में पांच लाख बच्चे मरे। उनको मीडिया कभी आतंकवादी नही खता। आजकल जिहाद शब्द सुनकर गैर मुस्लिम चिंतित हो जाते खें, जबकि जिहाद का मतलब मासूमों को मारना नही, बल्कि बुराई के खिलाफ और न्याय प्राप्त करने की कोशिश का नाम जिहाद है। कुछ और तथ्य: 1- प्रथम विश्व युद्ध में 17 लाख लोग मरे और युद्ध का कारण गैर मुस्लिम थे। 2-द्वितीय विश्व युद्ध में 50-55 लाख लोग मारे गए और कारण? ग़ैर मुस्लिम। 3-नागासाकी पर परमाणु हमले में 2 लाख लोग मरे और इसका कारण? गैर मुस्लिम 4. वियतनाम युद्ध में 500000 लोगों की मृत्यु का कारण भी गैर मुस्लिम। 5-बोस्नियाई युद्ध में भी पांच लाख मौतें खोएँ कारण। ग़ैर मुस्लिम। 6-इराक युद्ध में अब तक एक करोड़ बीस लाख मौतों का कारण भी गैर मुस्लिम। 7-अफगानिस्तान। फिलिस्तीन और बर्मा में गृहयुद्ध का कारण? ग़ैर मुस्लिम 8-कंबोडिया में लगभग 300,000 मौतों का कारण भी गैर मुस्लिम। सारांश यह कि: कोई भी आतंकवादी मुसलमान नहीं। और कोई मुसलमान आतंकवादी नही। और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बड़ी विनाश के किसी भी हथियार के आविष्कारक मुसलमान नही। और आज कथित आतंकवादियों के खाथ में जो हथियार खें वह किसी "इस्लामी फैक्टरी" में नही बने। इन तथ्यों को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाना चाहिए।

ये अशफाकउल्लाह खां हैं । जिन्हें उर्दू आती है तहरीर को पढ़ ले। ढोंगीयो से गिला कैसा जब अपने ही भूल बैठे है, हमरा क्या हम तो आईना दिखाते रहेंगे । एक नौजवान फांसी के फंदे से उतर कर आखरी सफ़र के लिए तैयार है .. " तुम्हें पता भी नहीं हो तुम्हारे बाद तुम्हें तुम्हारे मुल्क ने सौ बार फिर से मारा है " लेकिन ज़ुल्म और नाइंसाफी के खिलाफ़ खड़े होने की,मुल्क की फलाह के लिए जान भी दे देने की रीत चली आई है चलती रहेगी ... आप सब को यौम ए आज़ादी मुबारक हो ... (तस्वीर : शहीद अशफाक़ उल्लाह खां )