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Showing posts from March, 2016

Aaj ki baat

मुंबई.  भारत के महाराष्ट्र राज्य के पूर्व आईजी पुलिस ने कहा है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, भारत का पहले नंबर का आतंकवादी संगठन है।एस. एम. मुशरिफ ने कहा कि देश में किसी भी आतंकवादी संगठन ने आरडीएक्स का इस्तेमाल इस प्रकार से नहीं किया है जिस प्रकार से आरएसएस ने किया है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद फैलाने के जुर्म में आरएसएस और इसके सहयोगी दलों विरुद्ध कम से कम 18 चार्जशीटें दाखिल की जा चुकी हैं। मुशरिफ ने कहा कि देश की सुरक्षा एजेंसी आईबी इंटेलिजेंस ब्यूरो भी आरएसएस के साथ मिलकर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि इंटेलिजेंस ब्यूरो ऐसी एजेंसी है जो अपने काम के लिए सरकार या किसी और को जवाबदेह नहीं है इसी बात का फायदा उठा कर इसका इस्तेमाल ग़लत तरीके से किया जा रहा है। महाराष्ट्र के पूर्व आई जी ने कहा कि सरकारें आती हैं और चली जाती हैं लेकिन आईबी अपने काम में जुटी रहती है और उसके हर बयान को सच माना जाता रहा है। अपने संबोधन में महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस प्रमुख ने कहा कि हेमंत करकरे की हत्या में खुफिया ब्यूरो, आईबी का हाथ है। उन्होंने कहा कि करकरे, आतंकी गतिविधियों में हिंदू कट्टरवादी संगठनों की भूमि

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हमारा शूद्र होना एक भयंकर रोग है यह कैंसर जैसा है-इसकी केवल एक ही दवा है और वह है इस्लाम-पेरियार ई. वी. रामास्वामी ‘‘…हमारा शूद्र होना एक भयंकर रोग है, यह कैंसर जैसा है। इसकी केवल एक ही दवा है, और वह है इस्लाम।…पेरियार ई. वी. रामास्वामी (राज्य सरकार द्वारा पुरस्कृत, द्रविड़ प्रबुद्ध विचारक, पत्रकार, समाजसेवक व नेता, तमिलनाडु): ‘‘…हमारा शूद्र होना एक भयंकर रोग है, यह कैंसर जैसा है। यह अत्यंत पुरानी शिकायत है। इसकी केवल एक ही दवा है, और वह है इस्लाम। इसकी कोई दूसरी दवा नहीं है। अन्यथा हम इसे झेलेंगे, इसे भूलने के लिए नींद की गोलियाँ लेंगे या इसे दबा कर एक बदबूदार लाश की तरह ढोते रहेंगे। इस रोग को दूर करने के लिए उठ खड़े हों और इन्सानों की तरह सम्मानपूर्वक आगे बढ़ें कि केवल इस्लाम ही एक रास्ता है…। ‘‘…अरबी भाषा में इस्लाम का अर्थ है शान्ति, आत्म-समर्पण या निष्ठापूर्ण भक्ति। इस्लाम का मतलब है सार्वजनिक भाईचारा, बस यही इस्लाम है। सौ या दो सौ वर्ष पुराना तमिल शब्द-कोष देखें। तमिल भाषा में कदावुल देवता (Kadavul) का अर्थ है एक ईश्वर, निराकार, शान्ति, एकता, आध्यात्मिक समर्पण एवं भक्ति। ‘कदावुल’ (K

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स्वामी अग्निवेश ने शनिवार को जालंधर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) पर जमकर हमला बोला। उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा 1925 में आरएसएस का गठन हुआ था और 1947 तक किस आरएसएस के वर्कर ने देश के लिए शहादत दी है। उन्होंने कहा अब देशभक्ति का सर्टिफिकेट आरएसएस बांट रही है, जबकि अतीत गवाह कि आरएसएस के कई लोगों ने आजादी से पहले देशभक्ति नहीं गद्दारी की थी। वह दो शिक्षा संस्थानोें में मुख्य वक्ता के तौर पर जालंधर आए हुए थे और बाद में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। स्वामी अग्निवेश ने कहा कि देश को संघ ने पूरी तरह से बांटकर रख दिया है। धार्मिक कट्टरवाद फैलाया जा रहा है। बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, हैदराबाद यूनिवर्सिटी, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, जेएनयू पर संघ कब्जा करना चाहता है। राम मंदिर के नाम पर आरएसएस व भाजपा दोनों लोगों को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि संघ की सोच व कार्यशैली ने आर्य समाज को खोखला कर दिया है। संघ को ऐसा लगता है कि जो जाति देश में पैदा हुई, वह देश भक्त है और जो जाति विदेशों से आई उनकी देशभक्ति संदिग्ध है। उन्होंने कहा जिस रास्ते पर चलकर कांग्रेस धर्म व जातपात की राजनीति करती आई

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सावरकर और गोडसे दोनों समलैंगिक थे  |  27 Mar 2016 वीर सावरकर और नथुराम गोडसे – समलैंगिक Written by: Amit Indukar  भारत मे गांधी के अनेको महिलाओं के साथ संबंध थे यह बताया जाता हैं ( पढे- इंडिया टुडे 19 जून 2013, रंगीला गांधी लेखक:- एल्.आर.बाली, Gandhi Naked Ambition Author:- Jad Adams) और यह सही हैं लेकिन गांधी को मारनेवाला नथुराम गोडसे और उस साजिश मे सामिल होने का आरोप लगनेवालें विनायक दामोदर सावरकर (वि.दा.सावरकर) यह दोनो समलैंगिक थे और उनके एक दुजे के साथ संबंध थे यह नही बताया जाता।  ***वि.दा.सावरकर और नथुराम गोडसे (गांधी का हत्यारा) यह समलैंगिक थे।  फ्रेंच के दो लेखक Dominique Lapierre और Larry Collins इन्होंने FREEDOM AT MIDNIGHT नाम की किताब बहोत रिसर्च कर के लिखी थी। यह किताब सबसे पहले 1975 मे प्रकाशित हुई थी। उस किताब के बहोत से संस्करण प्रकाशित हुए थे। इस किताब का छठा संस्करण भारत मे 1976 मे प्रकाशित हुआ था। तब इस किताब को लेकर भारत के कुछ अखबारों मे न्युज छपी थी। कुछ लोगों ने इस किताब पर आपत्ती जताई थी और इसपर बैन भी लाया गया था।  विर सावरकर और नथुराम गोडसे समलैंगिक थे और उनके

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क्या आपने इन पश्चिमी philosophers को पढ़ा है ? 1. लियो टॉल्स्टॉय (1828 -1910):  "इस्लामी शरीयत ही एक दिन दुनिया पर राज करेगी क्योंकि इसी में ज्ञान और बुद्धि का संयोजन है"। 2. हर्बर्ट वेल्स (1846 - 1946):  "इस्लाम का अनावरण फिर उगता होने तक कितनी पीढ़ियां अत्याचार और बदबख़्ती जीवन कट जाएगा तभी पूरी दुनिया उसकी ओर आकर्षित हो जाएगी और उसी दिन ही दिल शाद होंगे और उसी दिन दुनिया आबाद होगी सलाम हो उस दिन "। 3. अल्बर्ट आइंस्टीन (1879 - 1955):  "मैं समझता हूँ कि मुहम्मद ने अपनी बुद्धि और जागरूकता के माध्यम से वह किया जो यहूदी न कर सके, इस्लाम ही वह शक्ति है जिससे शांति स्थापित हो सकती है"। 4. हसटन स्मिथ (1919): "जो विश्वास पर हम इससे बेहतर कुछ भी दुनिया में है और वे इस्लाम है अगर हम अपना दिल और दिमाग इसके लिए खोलें तो उसमें हमारी भलाई होगी"। 5. माइकल नोस्टरीडाम (1503 - 1566):  "इस्लाम ही यूरोप में शासक धर्म बन जाएगा बल्कि यूरोप के प्रसिद्ध शहर इस्लाम साइडर राजधानी बन जाएगा"। 6. बर्टरांड रोसल (1872 - 1970): "मैंने इस्लाम को पढ़ा और जान लिया

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मैं महिलावादी हूं और पर्दा करने पर फख्र है - थेरेसा कार्बिन थेरेसा कार्बिन एक लेखिका हैं। ये ऑरलियंस, लुइसियाना में रहती हैं और इस्लामविच की संस्थापिका हैं। सीएनएन पर पहली बार इनके इस्लाम अपनाने की जानकारी प्रकाशित हुई। "मैं मुस्लिम हूं लेकिन शुरू से मुस्लिम नहीं थी। 9/11 हादसे के दो माह बाद नवम्बर 2001 में मैंने इस्लाम कुबूल किया। उस वक्त मैं 21 साल की थी और लुइसियाना के बैटन रूज में रहती थी। यह मुसलमानों के लिए बुरा दौर था। चार साल के अध्ययन और वैश्विक धर्म इस्लाम और इसके अनुयायियों के खिलाफ दुष्प्रचार-प्रोपेगंडा के बावजूद मैंने इस्लाम अपनाने का फैसला किया। यूनिवर्स से जुड़े सवाल मैं कैथोलिक के रूप में बड़ी हुई, फिर मैं नास्तिक हो गई और अब मुसलमान बन गई हूं। इस्लाम की तरफ मेरा रुझाान पंद्रह साल की उम्र में ही होने लगा था और मैं अपने कैथोलिक धर्म से जुड़े विश्श्वासों पर सवाल करने लगी थी। लेकिन मेरी टीचर मुझसे कहती कि तुम अपने इस छोटे व प्यारे दिमाग को इस तरह की चिंता में मत डालो। लेकिन टीचर का यह जवाब मुझो संतोषप्रद नहीं लगता था। प्राकृतिक  धर्म, इंसान और यूनिवर्स से जुड़े सवाल म

Aaj ki Sachi Baat Mere Sath!

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वीर सावरकर : एक डरपोक मेमना जिसे संघ शेर बना कर पेश कर रहा है  |  27 Mar 2016 १३ मार्च १९१० को वीर सवारकर को लन्दन में गिरफ्तार कर लिया गया उस पर इल्जाम था की उसने नासिक के कलेक्टर ए टी एम् जैक्सन की हत्या में हाथ था इस कत्ल में वही पिस्तौल इस्तेमाल की गई थी जो सावरकर ने लन्दन से भेजी थी . सावरकर पर दो केस चले थे एक था क़त्ल और दूसरा था देशद्रोह  काला पानी की जेल में सावरकर ने कभी भी अंग्रेज सरकार के खिलाफएक भी शब्द नहीं कहा और न ही लिखा बल्कि अपनी भक्ति अंग्रेजी सरकार के प्रति दिखाई हिंदुत्व : सावरकर अनमास्क्ड , सम्सुअल इस्लाम ,  हिन्दुवाद शब्द का निर्माण भी सावरकर ने ही किया था और सावरकर को वीर की उपाधि भी एक मराठी न्यूज़ पेपर भाला ने दी थी जिसका सम्पादक बी बी भोपात्कर था , इसी दौरान सावरकर ने मुसलमानों के खिलाफ भी जहर उगला और उनको विदेशी बताया  द वीक मैगज़ीन के एक्लेख में यह बात सामने आई है की इस वीर सावरकर ने जिसे न जाने कैसे वीर बनाया गया कला पानी में आने एक एक महीने बाद ही अपनी पहली दया याचिका डाली "" Unbeknown to Trailokya Nath and fellow ‘extremists’, Savarkar had filed

Aaj ki Baat Mere Sath !

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ब्राह्मण दिन रात हिन्दू-हिन्दू क्यों चिल्लाते रहता है-एक सनसनीखेज़ खुलासा! IN  देश  / ON MARCH 25, 2016 AT 3:18 PM /  बी.के. शिवाजी अंबेडकर ___________________ ब्राह्मण दिन रात हिन्दू हिन्दू क्यों चिल्लाते रहता है इसका एक सनसनीखेज खुलासा >>> 1)बामन जात को पता है की, जब तक उसने ”हिन्दू” नाम की चादर, धर्म के नाम पर ओढ़ी है, तब तक ही उसका वर्चस्व भारत पर है !! 2)क्योकि बामन जानता है की बामन ,बामन के नाम पर गाव का ”प्रधान” भी नहीं हो सकता ,”हिन्दू” के नाम पर ”प्रधानमन्त्री” और ”केन्द्रीय मंत्री” झट से बन जाता है !! 3)बामन यह भी जनता है की जिस दिन यह ”हिन्दू” नाम की चादर खुल गयी कुत्ते की मौत मारा जाएगा, इसीलिए बामन दिन रात ”हिन्दू-हिन्दू-हिन्दू” रटते रहता है, ४)जब की बामन खुद यह जानता है की ”हिंदू” नाम का कोई धर्म नही है …हिन्दू फ़ारसी का शब्द है । 5)हिन्दू शब्द न तो वेद में है न पुराण में न उपनिषद में न आरण्यक में न रामायण में न ही महाभारत में । 6)स्वयं बामन जात ”दयानन्द सरस्वती” कबूल करते हैं कि यह मुगलों द्वारा दी गई गाली है । 7)1875 में बामन ”दयानन्द सरस्वती” ने ”आर्य समाज” की स