Posts

Showing posts from September, 2015

Aaj ki baat! Kuchh Hamari Bhi Suno !

यह सवाल राजनीतिक दलों से बाद में किया जाये पहले मुसलमानों से किया जाये कि उन्होंने अपने हालात सुधारने के लिये क्या किया ? मुसलमान अगर गंदी बस्तियों में रहते हैं तो उन्हें साफ करने की जिम्मेदारी नगर निगम की ज्यादा है या फिर उन मुसलमानों की जो वहां से रोजाना नाक पर रुमाल रखकर गुजरते हैं ? मुसलमानों के बच्चे अगर स्कूल की बजाय ढ़ाबे पर चाय का गिलास पकड़ा रहे हैं तो क्या इसमें भी किसी नेता का दोष है ? मुसलमान, सिर्फ मुसमलान ही क्या इस देश की अवाम ही क्यों नहीं सोचती कि नेता कभी नहीं चाहते कि जनता के बच्चे भी पढ़ जायें, क्योंकि पढ़ गये तो सवाल करेंगे, वे सवाल एसे होंगे जिनका जवाब किसी नेता से नहीं दिया जायेगा। जिन मुसलमानों को औवेसी में जादुई छ़ड़ी, सालार ए कौम, रफीके मिल्लत नजर आ रहा है, वह औवेसी खुद लंदन से पढ़कर आया है। मगर सलीम लंगड़े, पप्पू चाय वाले, सुलेमान दर्जी, कल्लन धोबी, वे कल भी अपना पेशावर काम कर रहे थे और उनके बच्चे भी उसी काम में लग गये हैं। मुझे लगता है कि मुसलमानों को मौजूदा वक्त की सियासत से किनारा कर लेना चाहिये और खुद को शिक्षा की तरफ मुतव्वजो करना चाहिये। मुसमलानों को आध

Aaj ki Baat

सूचना का अधिकार अधिनियम   कानून सूचना का अधिकार अधिनियम (Right to Information Act) भारत के संसद द्वारा पारित एक कानून है जो 12 अक्तूबर, 2005 को लागू हुआ (15 जून, 2005 को इसके कानून बनने के 120 वें दिन)। भारत में भ्रटाचार को रोकने और समाप्त करने के लिये इसे बहुत ही प्रभावी कदम बताया जाता है। इस नियम के द्वारा भारत के सभी नागरिकों को सरकारी रेकार्डों और प्रपत्रों में दर्ज सूचना को देखने और उसे प्राप्त करने का अधिकार प्रदान किया गया है। जम्मू एवं काश्मीर मे यह जम्मू एवं काश्मीर सूचना का अधिकार अधिनियम २०१२ के अन्तर्गत लागू है। भारत सरकार ने सदैव अपने नागरिको के जीवन को सहज, सुचारु बनाने पर बल दिया है और इस प्रकार इसे ध्यान में रखते हुए भारत को पूरी तरह लोक तांत्रिक बनाने के लिए आरटीआई अधिनियम स्थापित किया गया है। आरटीआई का अर्थ है सूचना का अधिकार और इसे संविधान की धारा 19 (1) के तहत एक मूलभूत अधिकार का दर्जा दिया गया है। धारा 19 (1), जिसके तहत प्रत्येक नागरिक को बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी गई है और उसे यह जानने का अधिकार है कि सरकार कैसे कार्य करती है, इसकी क्या भूमिका है, इसके क

Aaj ki Baat

राजस्थान कैडर के अधिकारी पंकज चौधरी  ने एक बार फिर ‘खाकी’ पर राजनेताओं के दबाव का भांडा फोड़ दिया है। पंकज चौधरी का कहना कि दंगे होते नहीं हैं कराये जाते हैं पूरी तरह दुरुस्त है। मगर इसका मतलब यह नहीं है कि खाकी पूरी तरह से निष्पक्ष और दंगाई नहीं है। हां इतना जरूर है कि खाकी के रखवालों को निष्पक्षता से ड्यूटी करने की कीमत समय – समय पर चुकानी पड़ती रही है। वीएन राय से लेकर संजीव भट्ट, हेमंत करकरे से लेकर आज के पंकज चौधरी तक ये वे नाम हैं जो सच्चाई से ड्यूटी करने का खामियाजा चुकाते आये हैं। दंगा इस मुल्क की एसी बीमारी, और राजनीतिक दलों के लिये एसा वरदान है जिसे जब चाहे इस्तेमाल किया जा सकता है। जनहित के मुद्दों से ध्यान हटाने के लिये मंदिर मस्जिद को ‘विकास’ की राह में लाकर बैठा दिया जाता है। कुछ मरते हैं, कुछ घायल होते हैं, कुछ बर्बाद होते हैं, नतीजे में नफरतों की एसी फसल तैयार हो जाती है जिसके मन मस्तिष्क पर नफरत छा जाती है। अव्वल तो पंकज चौधरी जैसे अधिकारी बहुत कम हैं और जो हैं भी वे सियासत की भेंट चढ़े बैठे हैं, गुजरात के आईपीएस संजीव भट्ट से लेकर राजस्थान के पंकज चौधरी तक का जब तब जि

Aaj ki Baat

मुस्लिम हुकुमत जिन्दाबाद। शेयर जरूर करें ताके दुनिया को पता चले सच का। सऊदी के किंग का एक ओर ऐलान, जिन जिन की भी मक्का हादसे में मोत हुई हे।उनको 1 करोड़ 75 लाख रूपये मिलेंगे।और परीवार के दो लोगों को हज फ्री में। मामूली रुप से घायल लोगो को5 लाख रियाल यानि के 88 लाख रुपए देने का ऐलान किया है.। बिन लादेन कंपनी भी हमेसा के बेन कर दी गई हे। मक्का. सऊदी अरब के शहर मक्का की अल हरम मस्जिद में क्रेन गिरने से हुए हादसे में हताहत लोगों के लिए किंग सलमान ने अपना खजाना खोल दिया है. सऊदी के किंग सलमान ने हादसे में मरने वालों को एक मिलियन रियाल यानि के 1 करोड़ 75 लाख रुपए, गंभीर रुप से घायलों को भी 1 करोड़ 75 लाख और मामूली रुप से घायलों के लिए 5 लाख रियाल यानि के 88 लाख रुपए देने का ऐलान किया है.   इसी के साथ किंग ने कहा है कि सऊदी सरकार क्रेन हादसे में मरने वाले लोगों के दो फैमिली मेंबर को अगले साल मेहमान का दर्जा देकर उनके हज का सारा खर्चा खुद वहन करेगी. हादसे में मरने वाले 111 लोगों में 11 भारतीय भी शामिल हैं.   सऊदी की मुख्य निर्माण कंपनी बिन लादेन समूह निलंबित-   शाही अदालत ने अपने आदेश में मुख्

Aaj ki Baat

हिन्दू भाइयों को इतिहास में केवल मुसलमानों की बुराई बतलाई जाती है और हिन्दुओं की बुराई छुपा ली जाती है, "Know the Truth" शूद्र महर्षि शम्बूक की ह्त्या किसने की थी?  एकलव्य का अंगूठा किसने काटा? विधटन कारी चार वर्ण किसने बनाये? मगध राज्य पर हमला के लिए सिकन्दर को किसने बुलाया था? भारतिय इतिहास का स्वर्णिमप्रुष्ठ लिखने वाले ब्रहद्रथ मौर्य की हत्या,बौध्धो का नरसंहार व विश्व विध्यालयो पुस्तकालयो को किसने ध्वस्त किया? हिटलर को भी बौना व फ़ीका बनाने वाली काले कानूनो की किताब मनुस्मुति का लेखक कौन था? ब्रह्मा सत्या जगत मिथ्या के मिथ्यावाद की आड में गुप्तकाल के स्वर्ण युग की विनाश लीला किसने की? प्रुथ्वी को इक्कीस बार क्षत्रिय विहीन किसने किया? सोमनाथ के मंदिर का झण्डा झुकाकर मोहम्मद बिनकासिम की विजय किसने सुनिश्चित की?  सोमनाथ के मंदिर का जो फ़ाटक हाथियो से भी नही टूट्ता उसे मोहम्मद गजनी के लिए किस गद्दार व लालची ने खोला? मोहम्मद गोरी को जयचन्द की चिठ्ठी ले जाने वाला कौन था? बंगाल का वह गद्दार राजा कौन था जो मोहम्मद बख्तियार के डर से महल के पीछे के दरवाजे भाग गया था?  अकबर की भंडैती

Aaj ki Baat

पाकिस्तान हमारा भाई है :- इन घृणित संघियों पर जितना लिखना ना चाहो यह उतना ही अवसर देते हैं कि मैं इनपर लिखूँ ।सदैव की तरह आदतन संघ ने कल एक और पलटी मारी और बयान दिया कि "पाकिस्तान और बांग्लादेश हमारे भाई हैं" सुन कर सब स्तब्ध हो गये होंगे पर भक्तों को कोई आश्चर्य नहीं हुआ क्योंकि वह इसके अभ्यस्त हैं उन्होने तुरंत वही लाईन पकड़ी और पाकिस्तान को अपना भाई बताने लगे जिसे कल तक पानी पीपी कर गालियाँ देते थे । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का जन्म जिन मुद्दों पर हुआ था उसमें बचा यह आखरी मुद्दा था जिसकी कल तिलांजलि दे दी गई , धारा 370 , उसकी तिलांजलि जम्मू कश्मीर में सरकार बनाकर दी और श्यामा प्रसाद मुखर्जी की आत्मा को जम्मू कश्मीर के संविधान की शपथ लेकर लात मार दी। कामन सिविल कोड दफन हो गया और उसकी चर्चा समाप्त, बाद में जुड़ा श्रीराम मंदिर जो वह बोल चुके हैं कि दो तिहाई बहुमत और राज्यसभा में बहुमत मिलने पर ही होगा जो लगभग असंभव है , और सबसे महत्वपूर्ण था पाकिस्तान से विरोध , पाकिस्तान का नाम लेकर भारत के मुसलमानों को प्रताड़ित और अपमानित करता रहा है पर संभवतः अब नहीं करेगा क्योंकि पाकिस्ता

Aaj ki baat

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ है क्या इसको जानिए। RSS - अंग्रेज़ो की स्थापित की गयी एक संस्था थी जिसका काम था धर्म जाति के आधार पर देश में फूट डाले रखना ताकि अंग्रेज़ो का शासन चलता रहे इसका अंग्रेजी नाम था रॉयल सीक्रेट सर्विस जो अंग्रेज़ो के लिए काम करती थी इसीलिए आरएसएस का आज़ादी के आंदोलन से कोई सरोकार नहीं है। जब 15 अगस्त को देश आज़ाद हुआ तब आरएसएस ने स्वाधीनता दिवस मनाने से इंकार किया था और 1947 से लेकर 2002 तक नागपुर मुख्यालय पर तिरंगा कभी नहीं फहराया। और वर्ष 2002 के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद तिरंगा फहराया गया। सरदार पटेल जी ने आरएसएस पर प्रतिबन्ध (बैन) इसीलिए लगाया था क्योंकि उसने(आरएसएस ने)14 अगस्त को स्वाधीनता दिवस मनाया था जोकि पाकिस्तान का दिवस है और साथ ही महात्मा गांधी की हत्या में भी लिप्त पाये गए थे। आरएसएस ने बैन हटाने के लिए जो हलफनामा दिया था उसमे निम्नलिखित मुख्य बातें थी। 1).कि वो भारत के संविधान को मानेगा.., जिसको वो नहीं मानता था और आज भी नहीं मानता है इसीलिए स्वयं सेवक गैर संवैधानिक बयान देते है। 2).आरएसएस संविधान में निहित राष्ट्रीय प्रतीकों का विरोध नहीं क

Dil ki baat Aap ke sath

मैं अगर पेड़ काटने को मना करूँ तो मुझे ग्रीनपीस का एक्टिविस्ट बता दीजिये, मुस्लिम हाशिये पर हैं कहूँ तो ओवैसी से जोड़ दीजिये, अगर ये कहूँ कि औरंगजेब सेकुलर था ये कांग्रेस से जोड़ दीजिये कम्यूनल कहूँ तो बीजेपी का कार्यकर्ता बता दीजिये, मुझे कुछ भी कहने मत दीजिये ।  मेरे हर लफ्ज़ को बोलने से पहले ही उस पर कोई ना कोई 'टैग' ज़रूर लगा दीजिये श्रीमान!

Aaj ki baat

26 मई 2014 को जब मोदी ने शपथ ली थी  रेल किराया जहाँ इंदौर से भोपाल का लोकल 40 रूपए था आज 14% बढ़ोतरी के बाद 50 रूपए है  प्लेटफार्म टिकट 3 रूपए था और आज 10 रूपए है और व्यवस्था जस की तस  98 रूपये मे नेट वाऊचर अनलिमिटेड आता थी 2G idea का आज अनलिमिटेड 2G 250 रूपये का आता है  काल रेट 30 पैसे मिनिट था आज 1 रूपये मिनिट है  तब कच्चा तेल 105.71 डॉलर बैरल था और पेट्रोल 71.41 रु लीटर था !  पेट्रोल पर वैट 21% था आज 31% है  आज कच्चा तेल 44 डॉलर बैरल है और पैट्रोल 68.50 रु लीटर है | और दाल तुवर की 70 रूपये थी आज 140रूपये है और प्याज 80 रुपये  सर्विस टैक्स 12.36% था आज 14% है  एक्साईज डयूटी 10% थी आज 12.36% है और सभी उद्योगपति दोस्त अपनी बैलेंस शीट चैक कर ले, साथ ही चार्टड अकाउटेंट साहब अपने ग्राहको और ग्राहक स्वयं कीं बैलैंस शीट जेब देख ले सारा माजरा समझ आ जाएगा | अच्छे दिन ?  आज"मोदी" सरकार का "420" वां दिन है।  👹 ये वो सरकार है जो आपसे 100 करोड़ रुपये की गैस सब्सिडी ख़त्म करवाने के लिए... 250 करोड़ के विज्ञापन दे चुकी है।  👹 स्वच्छता अभियान का विज्ञापन बजट भी 250 करोड़ था लेक

Aaj ki baat

हिंदुस्तान की धरती पर कई राजा-बादशाहों ने हुकूमत की है। इनमें से कई बहुत काबिल रहे हैं तो कुछ इस धरती के लिए अभिशाप सिद्ध हुए। मेरे नजरिए से हिंदुस्तान के सबसे काबिल और बेहतर शासक दो लोग हैं - महाराजा अशोक और बादशाह औरंगजेब।  औरंगजेब की तारीफ शायद मेरे कुछ मित्रों को अच्छी न लगे लेकिन मेरा मानना है कि औरंगजेब वास्तव में बहुत अच्छा बादशाह था। उसके कुछ फैसले गलत थे। खासतौर से शिवाजी और गुरु गोबिंद सिंहजी महाराज से दुश्मनी।  इसके अलावा अगर उसका योगदान देखा जाए तो वह इतिहास का सबसे र्इमानदार बादशाह था। औरंगजेब ने कभी शराब नहीं पी, कभी पराई औरत को नजर उठाकर नहीं देखा, कभी फिजूलखर्ची नहीं की, कभी रिश्वत नहीं ली, कभी मिठाई का स्वाद नहीं चखा, कभी काम से छुट्टी नहीं ली, यहां तक कि मरने से पहले भी हिदायत देकर गया कि मेरी कब्र को सजाने-संवारने में एक पैसा खर्च नहीं होना चाहिए, उस व्यक्ति का स्विस बैंक में कोई अकाउंट नहीं था, उसने सती प्रथा पर प्रतिबंध लगाया था। औरंगजेब के राज में सरकारी दफ्तरों में काम तेजी से होता था। घूसखोर अफसर-कर्मचारी मृत्युदंड पाते थे, चाहे उसका धर्म हिंदू हो या इस्लाम। शरा

Aaj ki baat

Image
सीरिया मे ISIS, सीरिया का इतिहास मिटा रहा है ~ भारत मे RSS, भारत का इतिहास मिटा रहा है

Aaj ki baat

Image
इलाहाबाद उच्च न्यायालय का फैसला सिर्फ मुसलमानों को ही नहीं सांप्रदायिकता से नफ़रत करने वाले हर शख्स को बुरा लगा..!!!!

Aaj ki Baat

उस अदालत के जज को क्या कहा जाये जिसे मदरसों पर लहराने वाला तिरंगा नजर नहीं आता ?  क्या कहा जाये अब उन्हें आजादी की लड़ाई में मदरसों का योगदान भी न नजर आये ?  क्या कहा जाये जब दारूल उलूम के संस्थापक सदस्य रहे हजरत हुसैन अहमद मदनी साहब के नाम से भारत सरकार ने डाक टिकट जारी कर रखा हो और उसके बाद भी अदालत कहे कि मदरसों पर तिरंगा लहराना अनिवार्य है।  गलती अदालत की नहीं है, दरअस्ल भारतीय मुसलमान जरूरत से ज्यादा वफादार है। नहीं तो तथाकथित राष्ट्रभक्तों के मुख्यालय पर ब्रांच आफिस पर तिरंगा नहीं इकरंगा लहराया जाता है।  उस पर न तो किसी को आपत्ती है न विपत्ती। न किसी अदालत को नजर आता कि वहां तिरंगा क्यों नहीं लहराया जाता ?  जहां पहले से ही तिरंगा लहराया जाता है वहां पर तिरंगा लहराने का आदेश और जहां तिरंगे को खत्म करने की साजिशें रची जाती हैं वहां पर मौन आखिर क्या समझें इसको ?  यह मुसलमानों को अहसास ए कमतरी में धकेलने का कूकृत्य नहीं तो और क्या है।  जब ,,हमारे एक भाई ने 2012 में हज किया था तब भी ये नजारा देखा था.. और आज जो हज करने जा रहे है वो भी मदीना (सऊदी) में देख सकते है.. और वो लोग भी जो हम स

कैमरे का अविष्कार 1000 वर्ष पूर्व एक मुसलमान वैज्ञानिक ने किया था।

कैमरे का अविष्कार 1000 वर्ष पूर्व एक मुसलमान वैज्ञानिक ने किया था। यह बात बहुत ही कम लोगों को मालूम होगी कि प्रतिदिन करोड़ों लोगों की ज़बान पर आने वाला कैमरा शब्द अरबी के अल-क़ुमरा (छोटी अंधेरी कोठरी) से बना है। दस शताब्दियों पहले जन्म लेने वाले एक मुसलमान विद्वान ने इसका अविष्कार किया था उन्हीं की खोज के आधार पर बाद में वर्तमान रूप में कैमरा बना। उन्होंने एक अँधेरे कमरे में एक छेद किया हुआ था ताकि उससे प्रकाश अंदर आए और वह प्रकाश एवं आँख के बारे में शोध कर सकें। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन यूनेस्को ने पेरिस में 19 जनवरी से शुरू हुए प्रकाश एवं दृश्य तकनीक के वर्ष के उद्घाटन समारोह में इस मुस्लिम विद्धवान को याद किया और उनके शोध कार्यों की सराहना की। इस महान विद्वान एवं वैज्ञानिक का नाम "अबू अली इब्ने हैसम" है कि जिनका चित्र इराक़ के केन्द्रीय बैंक ने नोट पर छपवाया है और उनका नाम एक छोटे उपग्रह पर अंकित किया गया है जिसकी खोज स्वीज़रलैंड के खगोलशास्त्री स्टीफ़ानो स्पोज़ेटी ने 16 वर्ष पूर्व की थी। वैज्ञानिकों ने इब्ने हैसम की सराहना के उद्देश्य से इस

Aaj ki baat

आज सभी राष्ट्रभक्त मेहनतकश कर्मचारी और किसान ५६ इंच के सीने वाले प्रधान मंत्री को यह बताने पर मजबूर हो गए हैं कि टाटा बिरला अम्बानी और अडानी की जागीर नहीं हिन्दुस्तान हमारा है और यह भी बताने पर मजबूर हुए की कौन बनाता हिन्दुस्तान भारत का मेहनतकश कर्मचारी और किसान २ सितम्बर की हड़ताल मजदूरो कर्मचारियों किसानो की एक चेतावनी है मोदी टीम को की अब अधिक समय तक सांप्रदायिक भावना भड़काकर जनता को अधिक समय तक मुर्ख नहीं बना सकते आज की हड़ताल का सन्देश \\== हंगामा करना ही मेरा मकसद नहीं मकसद है तो केवल और केवल इतना कि कॉर्पोरेट समर्थक लुटेरी नीतिया बदलनी चाहिए==हड़ताली और आंदोलनकारी साथियो के जज्बे और जोश को सलाम Subhash Srivastava

Aaj ki Baat

हाईकोर्ट ने कहा-15 अगस्त और 26 जनवरी को मदरसों पर फहराया जाए राष्ट्र ध्वज यूपी के इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर राज्य के मदरसों में राष्ट्र ध्वज फहाराया जाए.मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने अपने आदेश में राज्य सरकार को इस संबंध में जरूरी निर्देश जारी करने के लिए कहा है. हाई कोर्ट ने अलीगढ़ निवासी अरूण गौड़ की जनहित याचिका पर यह आदेश दिया. इस याचिका में आग्रह किया गया था कि यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाए कि मदरसों में 15 अगस्त और 26 जनवरी को उसी तरह से राष्ट्र ध्वज फहराया जाए जैसे सरकार नियंत्रित या सहायता प्राप्त कार्यालयों में होता है. अदालत ने राज्य सरकार को जवाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश देते हुए इस मामले की सुनवाई 22 सितंबर के लिए निर्धारित कर दी ×

Aaj ki Baat

उस अदालत के जज को क्या कहा जाये जिसे मदरसों पर लहराने वाला तिरंगा नजर नहीं आता ? क्या कहा जाये अब उन्हें आजादी की लड़ाई में मदरसों का योगदान भी न नजर आये ? क्या कहा जाये जब दारूल उलूम के संस्थापक सदस्य रहे हजरत हुसैन अहमद मदनी साहब के नाम से भारत सरकार ने डाक टिकट जारी कर रखा हो और उसके बाद भी अदालत कहे कि मदरसों पर तिरंगा लहराना अनिवार्य है। गलती अदालत की नहीं है, दरअस्ल भारतीय मुसलमान जरूरत से ज्यादा वफादार है। नहीं तो तथाकथित राष्ट्रभक्तों के मुख्यालय पर ब्रांच आफिस पर तिरंगा नहीं इकरंगा लहराया जाता है। उस पर न तो किसी को आपत्ती है न विपत्ती। न किसी अदालत को नजर आता कि वहां तिरंगा क्यों नहीं लहराया जाता ? जहां पहले से ही तिरंगा लहराया जाता है वहां पर तिरंगा लहराने का आदेश और जहां तिरंगे को खत्म करने की साजिशें रची जाती हैं वहां पर मौन आखिर क्या समझें इसको ? यह मुसलमानों को अहसास ए कमतरी में धकेलने का कूकृत्य नहीं तो और क्या है।  जो मुल्क के दुश्मन हैं वही यार ए वतन हैं हम आधी सदी बाद भी गद्दार ए वतन हैं।

अपने ही इतिहास से डरते हैं संघी

अपने ही इतिहास से डरते हैं संघी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ : भारतीय फासीवादियों की असली जन्मकुण्डली भारत में फासीवाद का इतिहास लगभग उतना ही पुराना है जितना कि जर्मनी और इटली में। जर्मनी और इटली में फासीवादी पार्टियाँ 1910 के दशक के अन्त या 1920 के दशक की शुरुआत में बनीं। भारत में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 1925 में नागपुर में विजयदशमी के दिन हुयी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक थे केशव बलिराम हेडगेवार। हेडगेवार जिस व्यक्ति के प्रभाव में फासीवादी विचारों के सम्पर्क में आये थे वह था मुंजे। मुंजे 1931 में इटली गया था और वहाँ उसने मुसोलिनी से भी मुलाकात की थी। 1924 से 1935 के बीच आर.एस.एस. से करीबी रखने वाले अख़बार ‘केसरी’ ने मुसोलिनी और उसकी फासीवादी सत्ता की प्रशंसा में लगातार लेख छापे। मुंजे ने हेडगेवार को मुसोलिनी द्वारा युवाओं के दिमाग़ों में ज़हर घोलकर उन्हें फासीवादी संगठन में शामिल करने के तौर-तरीकों के बारे में बताया। हेडगेवार ने उन तौर-तरीकों का इस्तेमाल उसी समय से शुरू कर दिया और आर.एस.एस. आज भी उन्हीं तरीकों का इस्तेमाल करती है। 1930 के दशक के अन्त तक भारतीय फासीवादिय

Aaj ki Baat

राष्ट्रीय ध्वज का निर्देशन इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश में सभी मदरसों में फहराया जा करने के लिए 15 अगस्त और 26 जनवरी को, बाइबिल 'समझ से बिलकुल परे है, जो भगवान की शांति,' की तरह है (Phillipians 4: 7)। इस आवश्यकता होती है एक कानून नहीं था, तो न्यायाधीशों निश्चित रूप से इसे लागू कर सकते हैं। लेकिन जहां कि कानून है?  संभागीय प्रबंधक में सुप्रीम कोर्ट द्वारा आयोजित के रूप में न्यायाधीशों, सम्राट की तरह व्यवहार अपनी सीमा पता है, और नहीं करना चाहिए, चंदर हास बनाम अरावली गोल्फ कोर्स (ऑनलाइन देखें)

Aaj ki Baat

विश्व हिंदू परिषद ने सीआईए से ठेका लिया था? भगवान राम की जन्मभूमि पर विशाल मन्दिर के निर्माण के लिए मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक सेवानिवृत्त आई.पी.एस. अधिकारी द्वारा ऐन रामनवमी के दिन सनसनीखेज ‘आत्मबलिदान’ के बीच आयोध्या इन दिनो एक रहस्योद्घाटन से दो चार हो रही है। वह यह कि विश्व हिंदू परिषद ने 6 दिसम्बर, 1992 को हुए विवादित ढांचे के ध्वंस के लिए अमरीकी खुफिया एजेंसी (सी.आई.ए.) और एक भारतीय आयुर्वेदिक दवा निर्माता कम्पनी से ठेका लिया था और इसकी एवज में करोड़ों रूपए वसूले थे। यह रहस्योद्घाटन लखनऊ में ध्वंस के मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत के सामने सीबीआई के गवाह महन्त युगलकिशोर शरण शास्त्री ने प्रतिष्ठित जैनमुनि आचार्य सुशील के हवाले से पिछले दिनों किया और अब इसकी कड़ियां अमरीकावासी यहूदी बुद्धिजीवी जोनाथन माइकल अजाजिया के ब्लॉग से जोड़ी जा रही हैं जिसमें उन्होंने लिखा था कि ढांचे का ध्वंस अमरीकी व इजराइली खुफिया एजेंसियों (सीआईए व मोशाद) का सोचा समझा आपरेशन था और इस आपरेशन में उनका दिमाग व धन दोनो लगे थे। कई लोग इस रहस्योद्घाटन को विकीलीक्स के उस खुलासे तक भी ले जा रहे हैं जिसमें
हामिद अंसारी जी की मोदी जी को दो टूक...... पहली बार किसी बड़े पद पर बैठे व्यक्ति ने कड़े शब्दों में मोदी को नसीहत दी उपराष्ट्रपति की मोदी सरकार को नसीहत, मुसलमानों के साथ भेदभाव खत्म हो ... ---------------------------------------------------------------------------------- उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने मुसलमानों पर बड़ा बयान दिया है। हामिद अंसारी ने कहा है कि भारत में मुसलमानों के साथ भेदभाव और असुरक्षा जैसी समस्याएं खत्म होनी चाहिए। दरअसल उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी मुस्लिम समुदाय से जुड़े एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। यहां उन्होंने सबका साथ सबका विकास की तारीफ की लेकिन कहा कि ये योजना तभी सफल होगी जब मुसलमानों के साथ भेदभाव, अलगाव और असुरक्षा जैसी समस्याएं खत्म हो जाएं। उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने मोदी सरकार से मुस्लिम समाज से भेदभाव की गलती सुधारने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि भारतीय मुस्लिमों को अपनी पहचान, सुरक्षा, शिक्षा एवं सशक्तीकरण बरकरार रखने में समस्या आ रही है। मुस्लिमों को आ रही समस्याओं पर सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए और इसे दूर करने के लिए सकारात्मक कदम
संगठन रणवीर सेना के छह पूर्व कमांडरों ने स्टिंग में कुबूला 144 लोगों को मौत के घाट उतारने का सच नई दिल्ली।1995 से लेकर 2000 तक बिहार में छह बड़े नरसंहारों में 144 लोगों को मौत के घाट उतारने वाले संगठन रणवीर सेना के छह पूर्व कमांडरों का स्टिंग ऑपरेशन सामने आया है।स्टिंग में चंदकेश्वर सिंह, रविंद्र चौधरी, प्रमोद सिंह, भोला सिंह, अरविंद कुमार सिंह और सिद्धनाथ सिंह ने बताया है कि किस तरह रणवीर सेना ने नरसंहारों को अंजाम दिया।कमांडरों ने यह भी बताया कि किसने उनकी ट्रेनिंग, हथियार और राजनीतिक मदद के साथ आर्थिक मदद की।चंदकेश्वर सिंह ने बताया कि किस तरह उन्होंने 100-200 रुपए की गोली बचाने के लिए पांच मछुआरों का गला चाकू से रेत दिया था।रविंद्र चौधरी ने बताया कि सेना के जवान उन्हें ट्रेनिंग देते थे।चौधरी ने बच्चों और महिलाओं के मारे जाने पर कहा कि जब आम तोड़ने के लिए डंडा चलाया जाता है तो पके आम के साथ कच्चा भी टूट जाता है।इन कमांडरों में से दो को पटना हाईकोर्ट सबूतों की कमी के चलते बरी कर चुका है।कोबरापोस्ट ने यह स्टिंग किया है।स्टिंग के खुलासे को बिहार में होने वाले चुनाव से भी जोड़कर देखा जा

उपराष्ट्रपति का थप्पड़

उपराष्ट्रपति का थप्पड़ :- उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी विद्वान व्यक्ति हैं और पद की गरिमा को लगभग 8 वर्षों से बचाए हुए हैं और आजतक कोई भी विवाद उनके कारण पैदा हुआ ऐसा कोई उदाहरण नहीं है । लोकपाल बिल पर चर्चा के बाद नियमानुसार राज्यसभा स्थगित करने पर उनके पद की गरिमा पर सबसे पहले चोट की इन संघियों ने , परन्तु उपराष्ट्रपति गरिमा बनाये रखे और चुप रहे । आखों की किरकिरी बने उपराष्ट्रपति पर इन संघियों का दूसरा आक्रमण हुआ 26 जनवरी 2015 को परेड के दौरान , जबकि परम्परागत और प्रोटोकॉल के तहत वह सही थे परन्तु इन भगवा ब्रिगेड ने उपराष्ट्रपति की गरिमा तार तार की परन्तु उपराष्ट्रपति चुप रहे और पद की गरिमा बनाए रखे । उपराष्ट्रपति के पद की गरिमा तब फिर तार तार हुई इन भगवा ब्रिगेड के हाथों जब योगा दिवस आया और फिर उनके साथ गालीगलौज की गयी जबकि उपराष्ट्रपति को निमंत्रण नहीं दिया गया था परन्तु उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी पद की गरिमा का सम्मान करते हुए चुप रहे । और आज यदि वह एक नसीहत देते हैं कि "सबका साथ सबका विकास तब सही से कार्यान्वित होगा जब देश के मुसलमानों के साथ भेदभाव रोका जाए और सुरक्षा दी जाए&quo