Posts

Showing posts from April, 2017

इतिहास बताता है कि संघ परिवार कितना बड़ा देशभक्त है

संघ परिवार ने बड़ी चतुराई से अपने कृत्यों पर ‘राष्ट्रवादी’ होने का लेबल चिपका लिया है और मीडिया ने बिना सोचे-विचारे उसे स्वीकार कर लिया है. मामला चाहे दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के हालिया हमले का हो, या पिछले साल फरवरी में हुई जेएनयू की घटना का, या मोदी सरकार के कार्यकाल में ‘देशद्रोही’ कलाकारों, पत्रकारों पर हुए हमलों का- प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के कई संस्थान ख़ुशी-ख़ुशी इन संघर्षों को ‘अभिव्यक्ति की आजादी बनाम राष्ट्रवाद’ की लड़ाई के झूठे युग्मक (बाइनरी) के तौर पर पेश करने की कोशिश करते दिखे हैं. संघ परिवार ने बड़ी चतुराई से अपने और अपने कृत्यों पर ‘राष्ट्रवादी’ होने का जो लेबल चिपका लिया है, उसे बिना सोचे-विचारे इन मीडिया संस्थानों ने स्वीकार कर लिया है. यह स्वीकृति दरअसल हमारे कई वरिष्ठ पत्रकारों के इतिहास के कम ज्ञान की गवाही देती है. आज़ादी के राष्ट्रीय संघर्ष के साथ हिंदुत्ववादी शक्तियों द्वारा किया गया धोखा, उनके सीने पर ऐतिहासिक शर्म की गठरी की तरह रहना चाहिए था, लेकिन इतिहास को लेकर पत्रकारों की कूपमंडूकता हिंदुत्ववादी शक्तियों

Kiya ye Ghundagardi Hai

मैं एयरपोर्ट के पास रहता हूं ऐरोप्लेन की आवाज से मेरी नींद खुल जाती है। *#ये_क्या_गुंडागर्दी_है?* मैं रेलवे स्टेशन के पास रहता हूं ट्रेन के भोपू से मेरी नींद खुल जाती है। *#ये_क्या_गुंडागर्दी_है?* मैं राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे रहता हूं वाहनों की आवाजों से मेरी नींद खुल जाती है। *#ये_क्या_गुंडागर्दी_है?* मैं हॉस्पिटल के पास रहता हूं एम्बुलेंस की आवाज से मेरी नींद खुल जाती है *#ये_क्या_गुंडागर्दी_है?* हकीकत ये है कि हमारी नींद नहीं ख़राब हो रही है बल्कि हम असहिष्णु होते जा रहे हैं!