अगर गुजरात का मॉडल ही एक मात्र मॉडल था, जो युवाओं को रोजगार, हर गांव को बिजली, हर खेत को पानी दे रहा था, जिसे 2014 में खूब प्रचारित किया गया और लोगों को देश भर में गुजरात मॉडल के ख्वाब दिखाये गये। तो गुजरात की कुल आबादी में 20 प्रतिश पटेल समुदाय आरक्षण क्यों मांग रहा है ? क्यों भाजपा नेता के ही पुत्र 22 वर्षीय छात्र हार्दिक पटेल आरक्षण को लेकर गुजरात मॉडल की हवा निकाल रहे हैं ? क्यों वे बार – बार कह रहे हैं कि गुजरात मॉडल महज एक भ्रम है ? क्या इस देश की वह जनता जिसने गुजरात मॉडल देखा ही नहीं था मगर मोदी को प्रधानमंत्री चुन दिया था, अब मोदी से सवाल करने के हिमाकत करेगी कि आखिर एक 22 वर्षीय छात्र हार्दिक पटेल ने उस मॉडल की हवा कैसे निकाल दी ? संपन्न होने का मतलब तो यह है कि आपको आरक्षणरूपी ‘भीख’ की जरूरत नहीं फिर ये आरक्षण के लिये उठती हुई आवाजें क्या संकेत दे रही हैं ? यही कि वह मॉडल महज एक भ्रम था, छलावा था, जिसके बल पर देश की जनता को ठग लिया गया।

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