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संघ परिवार को मुसलमानों की देशभक्ति पर सवाल उठाने का कोइ अधिकार नहीं है: स्वामी अग्निवेश

देशभक्ति तथा देशद्रोह पर चल रही राजनीतिक रूप से प्रेरित उग्र बहस के चलते, प्रसिद्ध मानवाधिकार कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने राट्रीय स्वंम सेवक संघ (RSS) एंवम उसके सहयोगियों  से मुसलमानों की देशभक्ति पर शंका व्यक्त केरने के पीछे उनकी चेष्ठा पर प्रशन खडा किया है।

 

रविवार को दिल्ली में आल इंडिया मिल्ली काउंसिल द्ववारा “शान्ति और न्याय” पर आयोजित एक राट्रीय सम्मेलन में बधुआ मज़दूर मुक्ति मोर्चा (Bonded Labor Liberation Front) के अध्यक्ष ,स्वामी अग्निवेश ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा –“ मैं 10 नहीं 20 नहीं बल्कि सेकडों,हज़ारों ऐसे मुसलमानों के नाम बता सकता हूं जिन्होने कारावास में अत्याचार सहा और आगे बढ कर फांसी को गले लगाया। मैं  देशभक्ति का प्रमाण पत्र देने वाले इन लोगो से यह पूछना चाहता हूं कि क्या ये लोग संघ परिवार में से एक भी नाम सामने ला सकते हैं जो ब्रिटिश राज के खिलाफ़ लडते हुए फांसी पर लटका हो।संघ परिवार से एक या दो नाम हमारे सामने आते हैं,किंतु वह भी देशभक्ति के लिए नहीं बल्कि ब्रिटिश राज के मुखबिर के रूप में काम करने के लेये। उन्हे दूसरों की देशभक्ति पर सवाल ख़डा करने का कोई अधिकार नहीं है। यह लोग केवल राजनीतिक लाभ के लिए इस प्रकार की बातें करके देश के वातावरण को दूषित करते हैं।

 

देश के मुसलमानों की देशभक्ति की सराहना करते हुए उन्होने कहा: “विश्व इस बात का साक्षी है कि जब देश का विभाजन हो रहा था उस समय कुछ मुसलमानों को छोड कर,जिन्होने झूठें वादों के चलते पाकिस्तान के लिए भारत को छोड़ दिया, लगभल 80-90% मुसलमानों ने भारत में ही रहने का निर्णय लिया क्योंकि उनका कहना था कि यह उनका देश था,वे यहीं पैदा हुए और यहीं मरेंगे। और आज इन्ही लोगों से देशभक्ति का प्रमाण मांगा जा रहा है

 

सत्तारूढ पार्टी के कुछ नेताओं के हाल ही के भड़काओ बयान पर टिप्पणी करते हुए उन्होनें कहा कि पूरा देश इस विषय को लेकर आशंकित है कि अब आगे क्या होग।

 

स्वामी अग्निवेश ने कहा कि “संसद के अंदर तथा बाहर दिए जाने वाले बयान ,हममें से केवल कु्छ लोगों को ही नहीं बल्कि समूचे देश को प्रभावित कर रहे हैं। मैं गरीब लोगों, विशेषकर बंधुआ मज़दूरों, दालितों और आदिवासियों के बीच काम करता हूं- देश में आगे क्या होगा इस विषय को ले कर इन सभी की तेज़ी से बढती हुइ धडकनों को मैं देख सकता हूं।

 

उन्होनें चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि संविधान में किए गये मूलभूत वादों से देश को दूर ले जाया जा रहा है।

 

स्वामी अग्निवेश ने यह भी कहा कि “सभी का मानना कि  भारतिय संविधान में किए गये मूलभूत वादों जैसे-समानता और समाजिक,राजनीतिक तथा आर्थिक न्याय जैसे विषयों से देश को भटकाया जा रहा है,और बहुत ही सुनियोजित तरीके से देश को तोडने तथा विभाजित करने का प्रयास किया जा रहा है।”

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