Aaj Ki Baat !

आज - आज में केवल 110 फिलस्तीनी मारे गये हैं इजरायली हमलों में अब मरने वालों की संख्या साढ़े चार सौ के पास पहुंच गई है घायलों की संख्या दो हजार से ऊपर हो गई है। इजरायल ने गजा को तबाह करके रख दिया है। तुर्किस्तान रूपी छोटे से देश को छोड़कर बाकी सारे देश खामोश हैं, भारत का स्टेंड में निराला है इन्हें कातिल से भी हमदर्दी है और मृतकों से भी। हिटलर को आदर्श मानने वाला संघी कबीला आज सोशल साईटों पर We Stand With Israeil लिखता फिर रहा है पाकिस्तान यू एन ओ को तलाश कर रहा है, आईओसी को तलाश कर रहा है, बाकी अरब देश अमेरिका के सामने नतमस्तक हो गये हैं। मुझे सऊदी के अरब के पूर्व राजदूत व शायर गाजी अल कसीबी की उस नज्म की पंक्ति आज अपना असर खोता दिख रही हैं जिसमें उन्होंने इजरायल को ललकारते हुऐ एक बार कहा था कि, अगर ये डेढ़ अरब मुसलमान एक साथ होकर चीखना शुरु कर दें तो इजरायल में भूकंप आ जायेगा। अगर ये एक साथ इजरायल की तरफ को कूच कर दें तो दुनिया की कोई ताकत इनके कदमों को नहीं रोक सकती, अगर ये एक साथ इकट्ठा होकर रोना शुरु कर दें तो इजरायल में इनके आंसुओं से सैलाब आ जायेगा। जाहिर है इन पंक्तियों में एक सच्चाई छिपी हुई थी। मगर सवाल यह पैदा होता है कि आज स्थिती कैसी है ? इजरायल अपनी मर्जी से निहत्थे और मासूमों फिलस्तीनियों पर बम बरसाता है फिर अपनी ही मर्जी से बंद हो जाता है। मगर दुनिया के किसी कोने में कहीं अफसोस होता नजर नहीं आता। क्या इन मासूम फिलस्तीनियों का खून इतना सस्ता है कि दुनिया का कोई मुल्क इनकी लाशों पर अफसोस जाहिर करना भी मुनासिब नहीं समझता ?

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