Aaj Ki Bat !

आजम खान का यह बयान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और अति निंदनीय भी आजम खान ऐसे बेतुके बयान और फालतू बकवास वाले के बयान करने के चैंपियन माने जाते हैं भारतीय सेना के पराक्रम शौर्य,त्याग,बलिदान,वीरता को धर्म के आधार पर नहीं बाटा जा सकता है

जो जीवन देश के काम आता है वह जीवन सबसे उत्तम होता है और वह माँ बहुत महान होती है जो शहीदों को जन्म देती है

क्या अशफाक और बिस्मिल की दोस्ती और उनके बलिदान को धर्म के आधार पर बांटने की मूर्खता कोई कर सकता है ????

लेकिन थोडा इस पर भी गौर करिए मैं आजम खान के इस बेतुके और दुर्भाग्यपूर्ण बयान को जस्टिफाई नहीं करता लेकिन जो लोग भी भारत में मुस्लिमों की स्तिथि से पूरी तरह वाकिफ है

क्या यह सच नहीं की आज के समय में मुस्लिम होना किसी अपराधी या अपराध बोध जैसा नहीं ?????

क्या यह सच नहीं की आज मुस्लिमों को बहुत ज्यादा दबाया और कुचला जा रहा है ????

क्या यह सच नहीं की मुस्लिमों को २४ घंटे और ७ दिन अपने गले में ''देशभक्ति'' का सर्टिफिकेट डाल कर नहीं घूमना पड़ता है ?????

क्या यह सच नहीं की कदम कदम पर मुस्लिमों को भारत से अपनी वफादारी साबित करने को कहा जाता है ?????

क्या यह सच नहीं की मुस्लिमों को पैदाएशी 'गद्दार','आतंकवादी','राष्ट्रविरोधी' समझा जाता है ????

क्या यह सच नहीं की मुस्लिमों को घर,दूकान,कारोबार,प्रॉपर्टी खरीदने में बहुत ज्यादा अपमान और भेदभाव झेलना पड़ता है ????

क्रिकेट जैसा वाहियात,बकवास खेल जो वैचारिक मूर्खता,वैचारिक पतन का प्रतीक भी है इस बकवास खेल को ''राष्ट्रवाद'' और ''देशभक्ति'' का पैमाना बना कर जब आत्मसात किया जाता है जब भारत और पाकिस्तान बीच हुडदंग होता है तो क्या यह जानबूझकर मुस्लिमों से यह नहीं पूछा जाता है की वह किसके समर्थन में हैं ?????

ब्रिगेडियर उस्मान,अब्दुल हमीद,कैप्टेन सलाहुद्दीन,कैप्टेन हनीफुद्दीन,मोहमम्द सलीम खान ऐसे तमाम लोगों की लिस्ट है हैं जिन्होंने सरहद पर लड़ते हुए कुर्बानी दी उनके योगदान को कितने लोग जानते हैं ????

क्या यह सच नहीं की आज के समय में सेना,पुलिस,प्रशासन,ख़ुफ़िया विभाग में कट्टर मुस्लिम विरोधी मानसिकता रखने वाले लोग घुस आये हैं ?????

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस द्वारा स्थापित की गयी आज़ाद हिन्द फ़ौज में ४० % मुस्लिम थे और आज़ाद हिन्द फ़ौज में सैनिकों के भर्ती करने का काम गुलाम हुसैन रंदेरी का था गुलाम हुसैन रंदेरी सूरत गुजरात के थे यह बात कितने लोग जानते हैं ??????

सवालों से मूंह मत मोडियेगा जवाब बहुत ज़रूरी है ग़लतफ़हमी,भ्रम और खुशफहमी से बाहर आईये ज़मीनी हकीकत और कडवे सच का सामना करना सीखिए

ज़ख्म बहुत सारे हैं और बहुत ही गहरे हैं बस कभी कभी हरे हो जाते हैं एक दिन के लिए अपने नाम के आगे ''खान,मोहम्मद,अंसारी,हुसैन,अली,अहमद,शेख'' जैसे उपनाम लगा लीजिये हकीक़त खुद बा खुद अपने आप सामने आ जाएगी

अपराध एक जैसा होने पर भी सज़ा अपराधी के नाम से ही तय होती है स्टार्टिंग लाइन कभी एक होती ही नहीं

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