Aaj Ki Bat !
आजम खान से न मुझे कोई लगाव है और न कोई हमदर्दी है उकसाने वाले और बेतुके बयान देने में आजम खान का कोई जवाब नहीं
मैं बिन मांगी सलाह किसी को नहीं देता लेकिन आजम खान को ज़रूर देना चाहता हूँ सिर्फ एक दिन के लिए आजम खान को अपना नाम बदलकर ''अमित कुमार'' रख लेना चाहिए फिर वह कुछ भी कर लेने के लिए,कुछ भी बोलने के लिए उन्माद भड़काने के लिए स्वतंत्र होंगे और इस में उनकी मदद ''लोकतन्त्र'' और ''कानून'' करेगा
जिस समुदाय के पास राजनैतिक संरक्षण नहीं होता है उसे दबाना,कुचलना,सज़ा देना सबसे आसन काम होता है आज भारत में हर समुदाय और हर जात विशेष की पार्टी है और उन्हें राजनैतिक संरक्षण है प्राप्त है कोई उन्हें छू भी नहीं सकता लेकिन मुस्लिमों की भारत में क्या स्तिथि है यह बताने की ज़रूरत नहीं जिस समुदाय के पास राजनैतिक संरक्षण होता है उसे पुलिस सेना,न्यायपालिका,प्रशासन हाँथ लगाने से पहले १००० बार सोचता है उसके हर बड़े से बड़े अपराध को माफ़ कर दिया जाता है
बदकिस्मती से मुस्लिमों के पास कुछ भी नहीं बचा जो इलीट तबका और मुस्लिमों की रहनुमाई कर सकता था वह पाकिस्तान चला गया विभाजन के बाद मुस्लिम भारत में अनाथ हो गए और धीरे धीरे भारत में मुस्लिम गुलाम और बंधवा मजदूर बन गए
यही कडवी सच्चाई है जिसे लोग न तो सुनना पसंद करते हैं न समझना और न देखना बस ग़लतफ़हमी ,भ्रम और खुशफहमी में जिंदगी जीना पसंद करते हैं
मैं बिन मांगी सलाह किसी को नहीं देता लेकिन आजम खान को ज़रूर देना चाहता हूँ सिर्फ एक दिन के लिए आजम खान को अपना नाम बदलकर ''अमित कुमार'' रख लेना चाहिए फिर वह कुछ भी कर लेने के लिए,कुछ भी बोलने के लिए उन्माद भड़काने के लिए स्वतंत्र होंगे और इस में उनकी मदद ''लोकतन्त्र'' और ''कानून'' करेगा
जिस समुदाय के पास राजनैतिक संरक्षण नहीं होता है उसे दबाना,कुचलना,सज़ा देना सबसे आसन काम होता है आज भारत में हर समुदाय और हर जात विशेष की पार्टी है और उन्हें राजनैतिक संरक्षण है प्राप्त है कोई उन्हें छू भी नहीं सकता लेकिन मुस्लिमों की भारत में क्या स्तिथि है यह बताने की ज़रूरत नहीं जिस समुदाय के पास राजनैतिक संरक्षण होता है उसे पुलिस सेना,न्यायपालिका,प्रशासन हाँथ लगाने से पहले १००० बार सोचता है उसके हर बड़े से बड़े अपराध को माफ़ कर दिया जाता है
बदकिस्मती से मुस्लिमों के पास कुछ भी नहीं बचा जो इलीट तबका और मुस्लिमों की रहनुमाई कर सकता था वह पाकिस्तान चला गया विभाजन के बाद मुस्लिम भारत में अनाथ हो गए और धीरे धीरे भारत में मुस्लिम गुलाम और बंधवा मजदूर बन गए
यही कडवी सच्चाई है जिसे लोग न तो सुनना पसंद करते हैं न समझना और न देखना बस ग़लतफ़हमी ,भ्रम और खुशफहमी में जिंदगी जीना पसंद करते हैं
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