Aaj Ki Bat !
अमित शाह पर दो दो एफआईआर हो गयी हैं लेकिन अभी तक गिरफ्तार नहीं हुआ इमरान मसूद एक आपत्तिजनक बयान देता है तो तुरंत कार्रवाही होती है
''लोकतंत्र'' और ''कानून'' के बारे में यदि कोई कहे की ''इसकी नज़रों में सभी समान होते हैं'' तो इससे बड़ा कोई झूठ नहीं
''लोकतंत्र'' तो सिर्फ संख्याबल है यानी यह बहुमत का खेल जिसकी संख्या कम उसकी कोई सुनने वाला नहीं उस पर सभी तरह के अत्याचार सही माने जाते हैं
''लोकतंत्र'' और ''कानून'' के बारे में यदि कोई कहे की ''इसकी नज़रों में सभी समान होते हैं'' तो इससे बड़ा कोई झूठ नहीं
''लोकतंत्र'' तो सिर्फ संख्याबल है यानी यह बहुमत का खेल जिसकी संख्या कम उसकी कोई सुनने वाला नहीं उस पर सभी तरह के अत्याचार सही माने जाते हैं
Comments
Post a Comment