Aaj Ki Bat !

ये पोस्ट दोगले और दोहरी मानसिकता वालो के लिये है..ना की किसी धर्म के लिये ...
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१) अगर कोई चोर मुस्लिम निकला तो
दोहरी मानसिकता :- मुस्लिम सब चोर है इस्लाम यही सिखाता है और फिर शुरू गन्दी गन्दी गालिया ...
२) अगर कोई हिन्दू चोर निकला तो
दोगली मानसिकता :- चोरो का कोई धर्म नहीं होता
३) कोई मुस्लिम बलात्कारी पकड़ा गया तो
दोहरी मानसिकता:- ये हरामी मुस्लिम का यही धर्म है इस्लाम में यही सब बताया जाता है इन मुल्लो को काट दोऔर आगे शुरू फिर गंदी गंदी गालिया
४) अगर कोई बलात्कारी हिन्दू हो तो
दोगली मानसिकता:- बलात्कारियो का कोई धर्म नहीं होता
५) अगर देश में कही ब्लास्ट हुवा तो
दोहरी मानसिकता:- ये मुल्लो का काम है ये कट्वे जिस देश में रहेते उसमे ही छेद करते ये इस्लाम की शिक्षा है फिर गन्दी गंदी गालिया
६:-ब्लास्ट करने वाला भगवा आतंकी निकला
दोगली मानसिकता:-आतंकव ¬ादियो का कोई धर्म नहीं होता
७)अब तक तो कोई मुस्लिम जो देश के उच्चतम पद पे रहेके देश की खुफिया जानकारी पडोसी मुल्क को नहीं बेचा...
दोहरी मानसिकता :-फिर भी मुसलमान गद्दार मुल्ला को भागो कट्वो को काटो मारो इनके घर जला दो आगे फिर गन्दी गन्दी गालिया
८) हर दुसरे दिन खबर आती है की देश की खुफिया जानकारी पडोसी मुल्क को बेचीं गई जिसमे नाम माधुरी गुप्ता चाहे गृह मंत्रालय का अफसर का नाम चंद्रशेखर या फिर वीके सिन्हा हो लिस्ट और भी है
दोगली मानसिकता:- गद्दारों का कोई धर्म नहीं होता
क्यों भाई ऐसी दोहरी और दोगली मानसिकता क्यों ? कोई मुस्लिम गुनाह करता है तो क्या आप सारे समाज के साथ साथ इस्लाम को गुनहगार ठेरा देते हो ...और जब कोई दुसरे मजहब का गुन्हेगार होता है तो फिर क्यों कहेतेहो की गुन्हेगार का कोई मजहब नहीं होता ? ...ऐसे लोगो से मेरी बिनती है की गुन्हेगार गुन्हेगार ही होता हैउसे मजहब से मत जोड़ो ...या फिर अपनी दोगली और दोहरी सोच को दफ़न करदो .....सब को अपना अपना मजहब प्यारा है

अल्लाह का शुक्र हे की में एक सच्चे खुदा को माननेवाला एक मुस्लिम राष्ट्रवादी हूँ , भारत का ऐसा सपूत हूँ की मरने के बाद मेरे लाशे को येही मिटटी पुकार पुकार कर कहेगी, आजा मेरे लाल ,,,, आजा,,, मेरी गोद में सोजा . इंशा अल्लाह मरने के बाद भी, मेरे जिस्म की राख या मेरे जिस्म की एक हड्डी भी उड़ कर या बह कर दुसरे मुल्क में नहीं जाएगी ,,,,, हम तो ऐसे भारत के सपूत हे.

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