Aaj Ki Bat !

तुम्हें बदला ही चाहिये न तो फिर हर शख्स तुमसे बदला ही लेगा अपने ऊपर किये हुऐ जुल्म का, सुनो कान खोलकर सुनो तथाकथित राष्ट्रवादी अमित शाहों, वसुंधरा राजों सुनो, तुमसे बदला लेगी जाकिया जाफरी किस तरह मारा था उसके पति को तुम्हारे गुंडों ने ? क्योंकि तुम्हें बदला चाहिये तो तुमसे बदला लेगा इशरत जहां, सोहराबुद्दीन, सादिक जमाल का परिवार तुमसे बदला लेगा जिन्हें तुमने आतंकवादी बताकर सड़कों पर उसकी लाशें बिछाईं थी, तुमसे बदला लेंगे वे परिवार जो तुम्हारी कथित राष्ट्रवाद की थोथरी सियासत की बली चढ़ें हैं, दीजिये बदला देखते हैं किस – किसका बदला चुकाते हैं आप अमित शाह जी, और वसुंधरा राजे तुम भी दे दो बदलो क्योंकि डीएसपी फूल मोहम्मद को जिंदा जलाकर शहीद बनाने वाले तुम्हारी पार्टी के ही गुंडे थे। जाओ तुम और जाकर कहो फूल मोहम्मद की मां से, उसके भाई से कि मैं खून के बदले खून देने आई हूं। कैसी अजीब विडंबना है कि गांधी की जमीन के ये गुंडे प्रतिशोध की ज्वाला में जल रहे हैं, उस गांधी की जिसने कहा था कि ‘आंख के बदले आंख और हाथ के बदले हाथ से तो सारा संसार अंधा और लूला हो जायेगा‘ उफ्फ याद आया गांधी के हत्यारे भला क्यों उनके उपदेशों को मानेंगे ? तो सुनो अमित शाहों जब तुम उन परिवारों का बदला चुका दो जो तुम्हारे जुल्म का शिकार हैं, जिनकी मां बहनों को, तुमने भिखारी बना दिया है उनके लाडलों को मारकर तो फिर तुम्हें पूरा हक है बदला लेने का। मगर याद रहे ऊपर जो नाम गिनाये गये हैं वे सब मारे जा चुके हैं अगर तुम सच्चे प्रतिशोधी हो तो कर दो खत्म अपने आपको जिस तरह उन्हे खत्म कराया गया है, यही है तुम्हारा बदला, क्या तैयार हो इस बदले को देने के लिये ?

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