Aaj Ki Bat !
बीजेपी का विरोध करना मुसलमानो कि मज़बूरी हैं तो कांग्रेस का विरोध करना समझदारी …
बस बहुत हुआ अब मुसलमान इस देश कि राजनैतिक चौसर का गुलाम नहीं रहने वाला, जब तक मुसलमान राजनैतिक रूप से खुद के पैरो पर खड़ा नहीं होगा तब तक ये राजनीति के टुच्चे खिलाडी उसे फूटबाल समझ कर अपने फायदे नुक्सान के लिए लात मारते रहेंगे और मुसलमान हर नेता के सामने हाथ जोड़कर भीख मांगता नज़र आएगा, पिछले 10 साल से कांग्रेस सरकार में रही हैं क्या वो चाहती तो गुजरात दंगो के अपराधियो पर दोष सिद्ध नहीं कर सकती , पिछले 10 साल में क्या आतंकवाद के नाम पर श्रीलंका कि पुलिस ने बेकसूर भारतीय मुस्लिम नौजवानो को जैलो में भरा हैं, क्या 10 साल में सच्चर और रंगनाथन कमेटी कि रिपोर्ट को लागू नहीं कर सकती थी, मुजफ्फरनगर दंगो के बाद जाटो को खुश करने के लिए आरक्षण दिया जाता हैं और मुस्लिमो को बाबा जी का ठुल्लु, बीजेपी मुस्लिमो के कातिलो को प्रधानमंत्री का उम्मीदवार बनाती हैं और मुस्लिमो कि धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने वाले चुनाव प्रचार करती हैं और कांग्रेस कि तरफ से उसे मौन समर्थन, ये दोनों ही राजनैतिक दल मुस्लिमो के खुले विरोध में हैं, अब मुस्लिमो को तय करना हैं के उन्हें क्या करना हैं, एक समय में दलित राजनैतिक रूप से मुस्लिमो से भी कमज़ोर स्थिति में थे मगर आज दलित राजनीती के चलते कोई दलितो कि तरह आँख उठाकर भी नहीं देख सकता, और मुस्लिमो कि हालत ऐसी हैं के उनकी बस्तियों में आये दिन कोई कुत्ता भौक के चला जाता हैं और मुस्लिम कुछ नहीं कर पाते
बस बहुत हुआ अब मुसलमान इस देश कि राजनैतिक चौसर का गुलाम नहीं रहने वाला, जब तक मुसलमान राजनैतिक रूप से खुद के पैरो पर खड़ा नहीं होगा तब तक ये राजनीति के टुच्चे खिलाडी उसे फूटबाल समझ कर अपने फायदे नुक्सान के लिए लात मारते रहेंगे और मुसलमान हर नेता के सामने हाथ जोड़कर भीख मांगता नज़र आएगा, पिछले 10 साल से कांग्रेस सरकार में रही हैं क्या वो चाहती तो गुजरात दंगो के अपराधियो पर दोष सिद्ध नहीं कर सकती , पिछले 10 साल में क्या आतंकवाद के नाम पर श्रीलंका कि पुलिस ने बेकसूर भारतीय मुस्लिम नौजवानो को जैलो में भरा हैं, क्या 10 साल में सच्चर और रंगनाथन कमेटी कि रिपोर्ट को लागू नहीं कर सकती थी, मुजफ्फरनगर दंगो के बाद जाटो को खुश करने के लिए आरक्षण दिया जाता हैं और मुस्लिमो को बाबा जी का ठुल्लु, बीजेपी मुस्लिमो के कातिलो को प्रधानमंत्री का उम्मीदवार बनाती हैं और मुस्लिमो कि धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने वाले चुनाव प्रचार करती हैं और कांग्रेस कि तरफ से उसे मौन समर्थन, ये दोनों ही राजनैतिक दल मुस्लिमो के खुले विरोध में हैं, अब मुस्लिमो को तय करना हैं के उन्हें क्या करना हैं, एक समय में दलित राजनैतिक रूप से मुस्लिमो से भी कमज़ोर स्थिति में थे मगर आज दलित राजनीती के चलते कोई दलितो कि तरह आँख उठाकर भी नहीं देख सकता, और मुस्लिमो कि हालत ऐसी हैं के उनकी बस्तियों में आये दिन कोई कुत्ता भौक के चला जाता हैं और मुस्लिम कुछ नहीं कर पाते
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